निम्नलिखित कविता मैंने २००५ - २००६ में घटित निठारी हत्याकांड के विषय में लिखी थी | यह हत्याकांड हमारी भूरी वर्दी वाली पुलिस व्यवस्था पर तो एक कलंक है ही, साथ ही हमारे समाज की नीच मानसिकता को भी दर्शाता है - कैसी घोर विडम्बना है, जिस देश में एक अमीर बाप के कल अपहृत पुत्र को आज छुड़ा लिया जाता है, उसी देश में अनेक गरीबों के बच्चे साल भर तक गायब होते रहे, परन्तु पुलिस एवं प्रशासन हाथ पे हाथ धरे बैठा रहा | हम अपने देश के भविष्य, नन्हे मुन्हे लाल गुलाबों को सहेजकर रखने में पूर्ण रूप से असफल साबित हुए |
लाल गुलाब
देखो, ये चारदीवारी है, लाल गुलाब के पीछे,
सुर्ख लाल में डूबी हुई |
निशान, छींटे और कुछ धब्बे तिरछे,
इनकी आज पहचान हुई |
कुछ तो हैं गहरे लाल पर कुछ हैं थोड़े हलके,
अपने लहू के अंश तलाशती आँखों से आंसू ढलके |
नन्हे गुलाब कि पंखुड़ियां ज़िद करती हमेशा लोरी सुनने की,
पर ये लाल चारदीवारी रस्म अदा करती अस्थि चुनने की |
देखो ये बेशर्म मिटटी है, लाल गुलाब के नीचे,
गहरे भूरे में लिपटी हुई |
हाथ पैर की हड्डियां, आँखें और कलेजे,
इनकी आज पहचान हुई |
सपनों की, उम्मीदों की, इसमें दफन हुई कई लाशें,
लावारिस बचपन पड़ा रहा, दबे रहे गुडिया और पताशे |
पर यहीं इस मिटटी में देखो, लाल गुलाब है उपजा,
पर ना नोचना इसको तुम, नाज़ुक है, जाएगा मुरझा |
लाल गुलाबदेखो, ये चारदीवारी है, लाल गुलाब के पीछे,
सुर्ख लाल में डूबी हुई |
निशान, छींटे और कुछ धब्बे तिरछे,
इनकी आज पहचान हुई |
कुछ तो हैं गहरे लाल पर कुछ हैं थोड़े हलके,
अपने लहू के अंश तलाशती आँखों से आंसू ढलके |
नन्हे गुलाब कि पंखुड़ियां ज़िद करती हमेशा लोरी सुनने की,
पर ये लाल चारदीवारी रस्म अदा करती अस्थि चुनने की |
देखो ये बेशर्म मिटटी है, लाल गुलाब के नीचे,
गहरे भूरे में लिपटी हुई |
हाथ पैर की हड्डियां, आँखें और कलेजे,
इनकी आज पहचान हुई |
सपनों की, उम्मीदों की, इसमें दफन हुई कई लाशें,
लावारिस बचपन पड़ा रहा, दबे रहे गुडिया और पताशे |
पर यहीं इस मिटटी में देखो, लाल गुलाब है उपजा,
पर ना नोचना इसको तुम, नाज़ुक है, जाएगा मुरझा |


reminds me of the time when i first listened to ur poem on LALU.. the one you presented to 8-A on the request of Satish Sir ('the baap of all kaminas') !! Great work though !! Came across such nice hindi after a long time.. :D
ReplyDelete:)
ReplyDeleteoye alankar! just translate this 'article' of urs in English via Google Traslate! The new article that comes up is amazing !! Commendable work by the Google people !!! :D
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